नमस्कार दोस्तों,आप सभी श्रोताओं को राहुल नय्यर का हार्दिक अभिनन्दन। पिछले पॉडकास्ट में हमने आप को मदन मोहन के जीवन के बारे में पॉडकास्ट सुनाया था। आज हम इसी संगीत की कड़ियों को जोड़ते हुए आगे बढ़ेंगे और जानेंगे भारतीय सिनेमा के लीजेंडरी संगीतकार लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल के सुपरहिट संगीत और उनके जीवन से जुडी कुछ ख़ास बातें। तो चलिए शुरू करते हैं आज का ये पॉडकास्ट। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल भारतीय सिनेमा जगत की एक लोकप्रिय संगीतकार की जोड़ी है। इस जोड़ी का नाम लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर और प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा के नामो के पहले अक्षर को जोड़ कर बनाया गया था इस जोड़ी ने 1963 से 1998 तक 635 हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और इस समय के लगभग सभी उल्लेखनीय फिल्म निर्माताओं के लिए काम किया। जिसमे राज कपूर, देव आनंद, बी.आर. चोपड़ा, शक्ति सामंत, मनमोहन देसाई, यश चोपड़ा, सुभाष घई और मनोज कुमार सम्मिलित थे।आइये अब जानते हैं इनके प्रारंभिक जीवन के बारे में ,,, शुरुआत करते हैं लक्ष्मीकांत जी से ,,,लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर का जनम 3 नवंबर 1937 को लक्ष्मी पूजन के दिन हुआ था, अपने जन्म के दिन की वजह से, उनका नाम लक्ष्मी रखा गया, जो देवी लक्ष्मी के नाम पर था। उन्होंने अपने बचपन के दिन मुंबई के विले पार्ले पूर्व की गन्दी बस्तियों में अत्यंत गरीबी के बीच बिताया। उनके पिता की मृत्यु उस समय हो गई थी जब वे बच्चे ही थे। अपने परिवार की खराब वित्तीय हालत के कारण वे अपनी स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं कर सके। अपने पिता के दोस्त की सलाह से लक्ष्मीकांत ने सारंगी और उनके बड़े भाई ने तबला बजाना सीखा। उन्होंने जाने-माने सारंगी वादक हुसैन अली की सोहबत में दो साल बिताए।लक्ष्मीकांत ने अपनी फिल्म कैरियर की शुरुआत एक बाल अभिनेता के रूप में हिंदी फिल्म भक्त पुंडलिक (1949) और आंखें (1950) फिल्म से की। उन्होंन कुछ गुजराती फिल्मों में भी काम किया। अब जानते हैं प्यारेलाल जी के आरंभिक जीवन के बारे में ,,,प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा का जन्म सितंबर 3, 1940 को प्रसिद्ध बिगुल वादक पंडित रामप्रसाद शर्मा (जो बाबाजी के नाम से लोकप्रिय थे) के यहाँ हुआ था। पंडित रामप्रसाद शर्मा ने ही प्यारेलाल को संगीत की मूल बातें सिखाई थी। प्यारेलाल जी का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ...