• दिन 52: साथ रहना बेहतर है

  • Feb 21 2024
  • Length: 11 mins
  • Podcast

दिन 52: साथ रहना बेहतर है

  • Summary

  • मरकुस 6:6-29, निर्गमन 29:1-30:38, नीतिवचन 5:15-23, जो डोरी तीन धागों से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटती" (पद - 9,12)। लेखक विवाह के चित्र के रूप में, निकी ली दो अलग रंगो की ऊन की डोरी लेते हैं और उन्हे एक साथ बुनते हैं। एक साथ वे मज़बूत बन जाते हैं लेकिन फिर भी उन्हे आसानी से तोड़ा जा सकता है। फिर वे तीसरी मछली पकड़ने की जाल की डोरी लेते हैं जो कि लगभग दिखाई नहीं देती हैं। इस तीसरी डोरी के कारण ऊन के दो टुकड़ो को तोड़ना लगभग असंभव बात है। (मैंने एक बार इस उदाहरण का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी लेकिन, मुझे अब याद नहीं आ रहा है क्योंकि यह बुरी तरह से बिगड़ गया था!) जो बात वे अच्छी तरह से बताते हैं, और जो सभोपदेशक के लेखांश से मिलती है, वह है कि मित्रता और विवाह अद्भुत उपहार हैं, परंतु मित्रता और विवाह के बीचों - बीच परमेश्वर का होना महान सामर्थ की एक अदृश्य डोर को प्रदान करता है। आज के लेखांश में हम लोगो के साथ और परमेश्वर के साथ मज़बूत संबंध की महत्ता को देखते हैं। हम देखते हैं कि विवाह, मिशन और सेवकाई में कैसे दो, एक से ज़्यादा मज़बूत होते हैं।
    Show More Show Less

What listeners say about दिन 52: साथ रहना बेहतर है

Average Customer Ratings

Reviews - Please select the tabs below to change the source of reviews.

In the spirit of reconciliation, Audible acknowledges the Traditional Custodians of country throughout Australia and their connections to land, sea and community. We pay our respect to their elders past and present and extend that respect to all Aboriginal and Torres Strait Islander peoples today.